पत्रकार अपने कर्तव्य को मिशन की भावना से पूरा कर रहे है।

_*मेरे प्रिय पत्रकार मित्रों*,_*
_*वक़्त का इस समय बहुत नाज़ुक दौर है, आप सब अपने कर्तव्य को मिशन भावना से कर रहे हैं , हम सबका पेशा ही ऐसा है जिसमें राष्ट्र और सामाजिक धर्म का तत्व निहित है, लेकिन यह समय उस तरह ही है जब हम किसी हाईवे पर दौड़ रहे होते है और साइड में लिखा होता है ' सावधानी हटी दुर्घटना घटी ' महामारी के इस दौर में सबको बेहद सावधानी की जरूरत है।*_
_*हमने 90 के दशक के दंगे देखे हैं जब लोग घरों की तरफ भागते थे हम पत्रकार वहां के लिए निकल पड़ते थे जहां गोलियां, बम चलरहे होते ,आगजनी होती।*_ 
_*लेकिन यह समय ज्यादा खतरनाक है अब ऐसा नहीं है, कर्तव्य निर्वहन करते हुए खुद खतरे में जा ही रहें हैं साथ अपने परिवार, पड़ोसी, मित्र और समाज को भी खतरे में डाल रहे हैं।*_ 
_*समय अब बहुत बदल गया है अब लोग मीडिया पर बहुत ज्यादा आश्रित नहीं है और हर खबर अन्य सोर्स से भी सोशल मीडिया से वायरल हो जाती है, समाचार संकलन जरूर कीजिए लेकिन संभव हो तो रुकिए,संयम रखें और समाचार की पुष्टि होने दीजिए कोई जरूरी नहीं है कि आप डीएम का वक्तव्य लेने दौड़ भाग करें , उनका अपना कर्तव्य है सही जानकारी देना कुछ देर से लेकिन जानकारी आप तक अा जाएगी, एक जगह बैठिए और उस जगह को मीडिया कंट्रोल रूम की तरह संचालित करिए। अपना और अपने परिवार का ख्याल करिए यही विनय है।*_
सुरेन्द्र बंसल
पूर्व प्रमुख जनसत्ता