*सरकार की सुविधाएं नाकाम, भूखे रहने को मजबूर हुए मजदूर* 

*19 दिन से पैदल चल रहे, तय नहीं हुआ 1200 किमी का सफर*


इंदौर। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन किया गया। जो गरीब मजदूरों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। लॉकडाउन में 20 दिन तक पैदल चलकर अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अभी और 10 से 20 दिन का सफर तय करना बाकी है। अहमदनगर से चलकर 6 मजदूर लखनऊ तक का सफर तय कर रहे हैं। अहमदनगर से 19 दिन में ये लोग इंदौर बाईपास तक पहुंचे। इनकी पीड़ा है कि राज्य सरकारों ने व्यवस्था तो की है लेकिन वह नाकाफी है 6 लोगो मे नाम मात्र का भोजन दिया जाता है। जिससे 2 लोगों का भी पेट भर नहीं पाता है। भूख और परिवार की चिंता इन मुसाफिरों के सफर को और लंबा करती जा रही है। पास में पैसे भी नहीं है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि देश की सरकार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को इन गरीबों का भी सोचना चाहिए, जिन पर कोरोना का असर तो नहीं हुआ लेकिन कोरोना की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन का असर जरूर हो गया है। भूख प्यास से तड़पते यह मजदूर हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल तय कर रहे है। जब उनसे पूछा गया कि सरकार द्वारा की गई व्यवस्था में आप क्यों नहीं रुकना चाहते हो तो परिवार के प्रति चिंता और गरीबी को मजबूरी बताते हुए उन्होंने रुकने से इनकार कर दिया और फिर अपनी मंजिल की ओर बढ़ चले।  हमारे पत्रकार साथियों ने इन मजदूरों की आर्थिक मदद करते हुए। भोजन की भी व्यवस्था की कोरोनावायरस इस दौर में इन मजदूरों की परिवार के प्रति चिंता एक अलग ही संदेश देती है।


इंदौर बायपास से लाइव *कमल कस्तूरी /आकाश चौकसे*