डेट लाइन महू...
- 1998 में श्री दरबार का टिकट महू से करवाने में श्री पंत ने वासनिक की मदद ली थी..
-मुकुल वासनिक के कारण ही श्री पंत वर्तमान में प्रदेश महामंत्री होने के साथ-साथ प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी भी हैं..
-सितंबर में होने वाले उपचुनाव के बाद जिला कांग्रेस और महू विधानसभा क्षेत्र के तीनों ब्लॉक्स में जो फेरबदल होगा उसमें श्री पंत की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी..
-महू विधानसभा क्षेत्र में भी बदलेंगे राजनीतिक समीकरण..
महू, 30 अप्रैल। कांग्रेस के हाई प्रोफाइल राष्ट्रीय महामंत्री मुकुल वासनिक के मध्य प्रदेश प्रभारी बनने से ना केवल प्रदेश कांग्रेस के बल्कि इंदौर जिले के भी राजनीतिक समीकरण बदलना तय है। जहां तक महू विधानसभा का सवाल है तो श्री वासनिक के कारण प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और प्रशिक्षण विभाग के प्रभारी मृणाल पंत का बेहद मजबूत होना भी तय हो गया है। श्री मुकुल वासनिक ने ही श्री पंत को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनवाया था
। श्री मुकुल वासनिक देश के उन थोड़े से दलित नेताओं में से एक हैं, जिनके सभी राजनीतिक दलों में अनेक शुभचिंतक हैं ।यही नहीं, श्री वासनिक प्रगतिशील,उदारवादी उच्च शिक्षित दलित नेता माने जाते हैं। जिनका हिंदी, अंग्रेजी और मराठी पर एक समान प्रभुत्व है। श्री वासनिक की तीसरी पीढ़ी नेहरू-गांधी परिवार की वफादार मानी जाती हैं। मुकुल वासनिक के दादा स्व. रामचंद्र वासनिक महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे के शिष्य रहे हैं। जबकि उनके पिता स्वर्गीय बालकृष्ण वासनिक 28 वर्ष की उम्र में 1957 में महाराष्ट्र के भंडारा से लोकसभा सदस्य बने थे, तब उन्हें आचार्य विनोबा भावे की सिफारिश पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने टिकट दिया था। स्वर्गीय बाल कृष्ण वासनिक बुलढाणा संसदीय क्षेत्र से 1962 और 1980 में भी लोकसभा सदस्य बनें। 1984 में स्वर्गीय वासनिक ने अपने अत्यंत होनहार पुत्र मुकुल वासनिक के लिए बुलढाणा की सीट खाली की थी। श्री मुकुल वासनिक 1984 में मात्र 25 वर्ष की आयु में बुलढाणा यानी विदर्भ से सांसद चुने गए। वे डॉ मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में सामाजिक न्याय और सहकारिता मंत्री थे।कांग्रेस संगठन के लिए पूरी तरह समर्पित श्री वासनिक ने 60 साल की उम्र तक विवाह नहीं किया था। करीब डेढ़ महीने पहले उन्होंने अपनी राजनीतिक सहयोगी और मित्र रवीना खुराना से शादी की। श्री मुकुल वासनिक कांग्रेस के सबसे उज्जवल छवि रखने वाले ऐसे नेताओं में हैं, जो खूब पढ़ते हैं। श्री वासनिक 1988 से 90 के बीच युवक कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। निश्चित ही उनके अब प्रदेश प्रभारी बनने से मृणाल पंत और शक्तिशाली नेता बनकर उभरेंगे। यह लगभग तय है कि सितंबर तक सिंधिया समर्थकों के भाजपा में शामिल होने से रिक्त 22 और अन्य दो विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने के बाद कांग्रेस संगठन में व्यापक फेरबदल होगा। जाहिर है इस फेरबदल से इंदौर जिला ग्रामीण और महू विधानसभान क्षेत्र के तीनों ब्लॉक अध्यक्ष प्रभावित होंगे। ऐसे में यह तय है कि भावी ग्रामीण जिला अध्यक्ष और महू विधानसभा के तीनों ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियों में मृणाल पंत की राय सबसे महत्वपूर्ण होगी। प्रसंग निकला है तो बता दूं मित्रों कि, 1998 श्री अंतर सिंह दरबार का टिकट बेशक स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने फाइनल किया था। उसका कारण श्री दरबार का तिवारी कांग्रेस में रहना था। यह भी सही है कि उस टिकट में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे श्री अजीत जोगी का भी बड़ा योगदान था, लेकिन इस तथ्य से श्री दरबार के नजदीकी सहयोगी भली-भांति परिचित हैं कि श्री दरबार की दिल्ली में जमावट करने में उस समय श्री मृणाल पंत का बड़ा योगदान था। श्री पंत ने उस समय भी श्री मुकुल वासनिक की मदद ली थी जिनसे वे एनएसयूआई के समय से जुड़े हुए हैं।
इसलिए वासनिक
को बनाया प्रभारी..
मित्रों, जिन 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं उनमें 22 सीटें तो सिंधिया समर्थकों के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई हैं, लेकिन आगर की सीट भाजपा के वरिष्ठ दलित नेता मनोहर लाल ऊंटवाल के निधन के कारण रिक्त हुई थी। सिंधिया समर्थकों में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, पूर्व समाज कल्याण मंत्री इमरती देवी, कमलेश जाटव, रणवीर जाटव और जसवंत जाटव दलित नेता हैं। जबकि अनूपपुर के बिसाहू लाल सिंह आदिवासी नेता। नए प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक विदर्भ के हैं। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय में अध्ययन किया है। विदर्भ में दलित और आदिवासियों की काफी संख्या है। श्री मुकुल मुकुल वासनिक ही नहीं, उनके दादा स्वर्गीय रामचंद्र वासनिक और पिता स्वर्गीय बालकृष्ण वासनिक भी लंबे समय विदर्भ के दलितों और आदिवासियों के बीच लोकप्रिय रहे हैं। उनके पिता स्वर्गीय बालकृष्ण वासनिक तो महा विदर्भ राज्य संघर्ष समिति के अध्यक्ष भी थे जिन्होंने पृथक विदर्भ राज्य के लिए जबरदस्त आंदोलन छोड़ा था। इसलिए श्री वासनिक के परिवार को दलितों और आदिवासियों में राजनीतिक और सामाजिक काम करने का लंबा अनुभव है। यही अनुभव श्री मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल की दलित सीटों और महाकौशल तथा मालवा निमाड़ अंचल के आदिवासियों के बीच कांग्रेस का परचम फहराने में काम आने वाला है। श्री मुकुल वासनिक , श्री राहुल गांधी की निजी कोर टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। यह भी ध्यान रखना होगा कि सुवासरा के विधायक रहे श्री हरदीप सिंह डंग, सुश्री मीनाक्षी नटराजन के कट्टर समर्थक रहे हैं। उन्होंने भी श्री सिंधिया के समर्थन में इस्तीफा दिया है। सुवासरा में भी चुनाव होना है। सुश्री मीनाक्षी नटराजन और श्री मुकुल वासनिक के बीच भी राजनीतिक संबंध अत्यंत मधुर रहे हैं। ऐसे में श्री राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के प्रभारी के रूप में श्री मुकुल वासनिक को प्रदेश प्रभारी बनाकर बिल्कुल सही निर्णय लिया है।