( नई दिल्ली ) भारत में नीति है कि वे शांति का पक्षधर है लेकिन उकसावे पर माकूल जवाब देते भी आता है वह कभी पीछे नहीं हटता है और ना ही हटेगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ इस अंदाज में नाम लिए बगैर चेतावनी देते हुए कहा कि कुछ यही रीति नीति भारतीय सैनिकों की भी है हमारे सैनिक एक हद तक विरोधियों को बर्दाश्त करते हैं इसके बाद विरोधी हद से बाहर निकल जाए तो उनका रौद्र रूप देखने लायक होता है वह अपना काम करने से पीछे नहीं हटते हैं |
गलवान में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ जब विवाद हुआ तो अपने कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रेजिमेंट के जवानों का रौद्र रूप देखने लायक था उन्होंने 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ दी एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि 18 चीनी सैनिकों की गर्दन की हड्डियां टूट चुकी थी और वह मर चुके थे अपने कमांडर को वीरगति प्राप्त होते ही गुस्साए भारतीय सैनिकों ने अपना आक्रोश रूप दिखाया और सामने आने वाले हर शख्स को मौत के घाट उतार दिया | लड़ाई लगभग 4 घंटे तक चली थी चीनी सैनिकों की हालत यह हो गई थी कि उनकी पहचान करना ही मुश्किल हो गई थी जब मामला थमा तो वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई और हेलीकॉप्टर से लाशें ले गए | वैसे गलवान घाटी पर चीनी सेना जो आपा खो रही है उसका मुख्य कारण है वह पुल , वह सड़क जिसको बनाने में चीनी सेना आपत्ति ले रही थी वह कितनी भी आपत्ति लेते रहे लेकिन भारतीय सैनिकों ने एक नहीं सुनी और समय से पहले पुल बना दिया तो चीनी सेना देखती रह गई |