घुमक्कड़ की सूचना के अनुसार जीतू पटवारी वैसे रहने वाले बिजलपुर के हैं लेकिन अपनी जिंदगी की शुरुआत उन्होंने इमली बाजार देवालय से की है | घुमक्कड़ इस बात का गवाह है कि जब सिरपुर से केशवराम चौधरी , कल्याण नैनवा , मदनलाल अग्निहोत्री... रिंग मास्टर के घर जाया करते थे | तब वे इमली बाजार देवालय पर एक दुबला-पतला , मरियल-सा लड़का दौड़ भाग करते हुए दिखाई देता था | लंबी कद काठी गोरा चिट्टा यह लड़का फाइल दबाकर इधर से उधर तथा रिंग मास्टर आदेश देते तो वे नजदीकी दौड़ता रहता | इसके साथ उस समय तुलसी सिलावट , सज्जन वर्मा , ललित जैन मांगीलाल रेडवाल व कई दिग्गज नेताओं की फौज थी आरसी सलवाडिया , शिवदत्त सूद , पंडित कृपाशंकर शुक्ला सहित कई नेताओं की फौज थी जिनकी लंबी चौड़ी एक सूची है |लेकिन यह नौजवान अपने शहर और समाज को छोड़कर कहीं नहीं गया | राजनीति में एक कहावत है स्वर्गीय गणेश चंद्र पुरोहित कहा करते थे जिस व्यक्ति कि अपने समाज में इज्जत नहीं उसकी कहीं भी नहीं है | जो अपने समाज के वरिष्ठों को संज्ञान में लेकर के कोई काम करता है तो सफलता उसके कदम चूमती है |
पाठकों को मैं एक जानकारी दे दूं की रिंग मास्टर ने हीं रामचंद्र वर्मा को सबसे पहले सुरेश सेठ के खिलाफ खड़ा किया था और उस वक्त काफी विरोध हुआ था | लेकिन रिंग मास्टर ने साफ शब्दों में कहा था कि जहां पर जिस समाज का बाहुल्य हो वहां पर उसी समाज के कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए |जीतू पटवारी शनैःशनैः अपनी सक्रियता बढ़ाते गए वे चुनाव हारने के बाद भी जीते हैं और सीधा राहुल गांधी की नजरों में चढ़ गए | जब इंदौर में कोरोना की स्थिति धीरे-धीरे खराब होती गई और वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया तब जीतू पटवारी ने सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को वीडियो के माध्यम से गुहार लगाई और प्रमाण देते हुए कहा कि आप अपने इन सरकारी अफसरों के भरोसे मत रहना | इंदौर की स्थिति बेहद खराब है आप को अंधेरे में रखा जा रहा है आप चाहे अपने गुप्त माध्यम से इसका पूरा प्रमाण और पूरी जानकारी ले लें आप चाहे तो तुरंत गोपनीय रिपोर्ट मंगवा ले अधिकारी आप को अंधेरे में रख रहे हैं , इंदौर की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है |
आपको यह बात कोई कहेगा या ना कहेगा लेकिन मैं आप को कह रहा हूं कि यह बात आप अपने ध्यान में रखिए | उसके बाद ही सारे प्रशासनिक अधिकारियों का बदलाव किया गया और मुख्यमंत्री ने अपने तुरुप के इक्के मनीष सिंह को इंदौर भेज दिया | यह उसी की बात है जब पटवारी ने मुख्यमंत्री से सीधे बात कही थी हो सकता है व्यवस्था में देर हो स्थिति जरूरत से ज्यादा बिगड़ गई हो | लेकिन मुख्यमंत्री को जो कोई ना कह सका वह पटवारी ने कह दिया पटवारी ने यह बातें इमली बाजार देवालय से ही सीखी है | साफ , सीधी , स्पष्ट बाते कड़वा सच अपने नेताओं के सामने रखो चापलूसी करोगे तो चपरासी की नौकरी मिलेगी..........स्पष्ट कहोगे तो किसी वरिष्ठ ओहदें पर काम करते हुए देखे जाओगे | यही रिंग मास्टर का चाणक्य सूत्र है इसीलिए आज भी रिंग मास्टर के सामने कोई खड़ा नहीं होता......क्या मालूम कब किसी के चिंदे बिखेर दे........सच बोलने वाले के सामने यूं भी किसी का खडे़ रहने का साहस नहीं होता |