जिलाधीश जब शहर में घूमे तो उन्हें पता चला कि हमारे अफसरों ने किस प्रकार अंधेरे में रखा है |

घुमक्कड़ की सूचना के अनुसार जिलाधीश मनीष सिंह पहले नगर निगम के कमिश्नर रह चुके हैं इंदौर में कई पदों पर रहे हैं और उनके कार्यकाल में इंदौर नंबर वन आया अतः मनीष सिंह जी को काफी लोग जानते हैं........



हम थोड़ी और जानकारी दे देते हैं मनीष सिंह जी "मोती दादा" के लड़के मोती सिंह जी का आईएएस अफसरों में वरिष्ठ सम्मान से नाम लिया जाता है वे उस जमाने में अर्जुन सिंह जी के चाहिते अफसर माने जाते थे | मोती दादा से घुमक्कड़ की काफी ज्यादा जान पहचान थी एक आईएएस अफसर के लड़के मनीष सिंह जी जब दूसरे कार्यकाल में इंदौर आए तो उन्होंने इसे हल्के में लिया उन्हें नहीं मालूम था कि कोरोना के मामले में पिछली सरकार ने गजब की बेशर्माई दिखाई |


अफसरों ने बार-बार कहा कि इसको हल्के में ना लें रोक लगा दे लेकिन कमलनाथ सरकार को पता था कि कभी भी मुझे यहां से भगा दिया जाएगा , मेरी सरकार चंद दिनों की है और जितनी भी खानापूर्ति करना थी वह कर गए | ठीकरा तो अब शिवराज सरकार पर फूटना है और शिवराज सरकार को पता था कि उस वक्त जो इंदौर में अधिकारी थे वे नौसिखिये थे उनको बदलने में इन्होंने देर कर दी |


जैसे ही मनीषसिंहजी इंदौर आए और उन्होंने अपना चार्ज लिया..... जब वे रात को गली-मोहल्ले में घूमे तो उन्हें कचरे का ढेर देखकर लग गया कि कोरोना तो अब आ गया है लेकिन शहर की ऐसी दुर्दशा कर दी है कि गंदगी और बदबू से ही पूरा शहर खाली हो जाएगा |वैसे कोरोना के प्रभाव को वे जितना आसान समझ रहे थे उतना आसान है नहीं | ये एक अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र है उन जैसे आईएएस अफसर जेब में रखे जाते हैं | बहरहाल , मनीषसिंहजी को यह तो पता चल गया कि मुझे अब लोहे के चने चबाने पडे़ंगे और इंदौर के नेता मनीषसिंहजी से नाराज है....... |