घुमक्कड़ की सूचना को सही माना जाए तो इस कोरोना के संक्रमण में सबसे ज्यादा नुकसान यदि धंधे में किसी को हुआ है तो वह धर्म के धंधेबाजो को हुआ है | कोरोना संक्रमण की शुरुआत दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से हुई थी| उसके बाद फैलता गया| वैसे आया चीन से है लेकिन हमारे देश में इसकी शुरुआत सबसे ज्यादा यहां के मुल्लाओ से हुई है | अब मरने वाले मर रहे हैं मरने वाले जो कि भगवान के घर जा रहे हैं उन्हें दफनाएं या जलाएं या नदी में फेंके |कुछ तो करना है और हो भी रहा है | सड़क पर किसी की लास्ट नहीं फेंकी जा रही है यदि लावारिस भी है तो उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी मुल्लाह पंडितों को हो रही है ना मुल्लाह को कोई पूछ रहा है ना पंडितों को | अब सबसे ज्यादा जल्दी से जल्दी आ तो लाश को दफना दिया जा रहा है या जला दिया जा रहा है| अब कहां तीजा और कहां चालीसवां, कहां जीमना और कहां चाटना स्थिति यह हो गई है कि ना तीसरा ना दसवां ना बारहवां ना मृत्यु भोज |हालत यह हो गई है कि फांके की नौबत आ गई है ब्राह्मण के शनि महाराज भी नहीं चल रहे हैं पूछने का तो समय दूर कोई किसी को छू भी नहीं सकता हद हो गई एक पंडित तो रामद्वारे के बाहर भीख मांगते देखा| घुमक्कड़ से जैसे ही निगाह मिली वैसे ही उसने मुंह फेर लिया यही हालात मुल्ला की भी हो गई है | वे मस्जिद के बाहर जब एक काजी ने उनको रोटी दी तब उनका पेट भरा| अगर वह दानी इनको देता नहीं तो पार्टी की नौबत थी अब यह कोरोना संक्रमण बर्दाश्त के बाहर है | जय चारभुजा री..... |
सबसे ज्यादा दुर्गति इस कोरोना के संक्रमण से धर्म के धंधेबाजों को हुई !