अवैध खनिज पर प्रशासन टूट पड़ा , पूरी रात चौकसी कई वाहन पकड़े |

अधिकारियों के सख्त रवैये से हड़कंप मच गया , ढेरों गाड़ियां जमा हो गई थाने में ......!



प्रदीप खन्ना आए खनिज विभाग का बंठाढा़र कर गए जितने भी दिन विभाग में रहे विभाग की लुटिया डूबाते रहे | वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण , राजनीतिज्ञों की शह सब कुछ ऐसा खेल चला कि खन्ना मालामाल हो गए | सारी शिकायतें कचरे के डब्बे में चली जाती थी भोपाल में बैठी एक चौकड़ी उनको हमेशा बचा लेती थी जाने का वक्त आया तो चुनाव नजदीक आ गए , जाना रुक गया | तकदीर के धनी प्रदीप खन्ना की तकदीर ऐसी चेती की भोपाल में वे बैठे आकाओं के भी बाप निकले उन्होंने ऐसी छूट दी कि इंदौर के आसपास की पहाड़ियां 2 साल में खोखला कर डाली और आखिरकार कब तक बचते खन्ना | फाइल मनीष सिंह जी की टेबल पर पहुंच गई........पिछले तीन-चार माह से मनीष सिंह जी काफी व्यस्त रहे......... लेकिन जैसे-जैसे समय मिलता गया...........फाइल खुलती गई और सरसरी निगाह डाली तो मिस्टर बंठाढ़ार ने पूरे विभाग का ही बंठाढ़ार कर दिया |


उन्हें चलता किया गया और तुरंत जिलाधीश ने खनिज अधिकारी चैन सिंह डामोर को खनिज विभाग की चाबी सौंप दी |डामोर ने जो बनेटी घुमाई तो देपालपुर तहसील से लेकर चप्पे-चप्पे तक इतने खनिज वाहन पकड़े गए कि देपालपुर थाना गाड़ियों से भर गया | खबर लिखे जाने तक 25 से ज्यादा गाड़ी चंद रोज में पकड़ाई ज्यादातर बेटमा , रावत , देपालपुर क्षेत्र में यह गाड़ियां पकड़ी गई है वैसे इस वर्ष लक्ष्य भी पूरा हो चुका है |