हमारे यहां पुलिस पर कोई आसानी से विश्वास नहीं करता है इसका क्या कारण हो सकता है आखिर क्या वजह है कि लोग पुलिस के पास जाने में घबराते हैं | यह बात में आम आदमी की कर रहा हूं अन्यथा समाज में आज दबंग लोग बहुत हैं जो अपने बाहुबल से पुलिस को भी दबा कर रखते हैं | भारतीय पुलिस में बहुत कम ही अफसर नवनीत सिकेरा जैसे बचे हैं,वैसे नवनीत सिकेरा किसी पहचान के मोहताज नहीं है |
बहरहाल , आज जो प्रतिनिधि ने देखा उसको देखकर वह दंग रह गया....! हर नेता चाहे वह मंत्री तुलसी सिलावट ही क्यों ना हो या प्रेमचंद गुड्डू या फिर शहर का कोई भी छुटभैया नेता हो | शहर के बड़े से बड़े नेता से लेकर एक मामूली से कार्यकर्ता तक सभी सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है.......ना तो मास्क ना ही सोशल डिस्टेंसिंग | क्या उन पर कोई नियम-कानून लागू नहीं होते हैं जितने भी चालान काटने हैं वह क्या मध्यमवर्गीय या गरीब के ही कटेंगे | जितने भी नियम कानून लागू होते हैं......वो क्या गरीब पर ही लागू होंगे......किसी भी नेता का चालान बनाने में क्या पुलिस के हाथ कांपते हैं |
आज देश में नवनीत सिकेरा जैसे कुछ चंद ही पुलिस वाले बचे हैं | नेता जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं ऐसे में उनकी जवाबदारी होती है कि वह भी नियम कानून का पालन करें लेकिन हमारे यहां देखने को विपरीत ही मिलता है | ऊपर दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं कि नेता कैसे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं | विभिन्न छोटे मझोले समाचार पत्रों में, बड़े समाचार पत्रों इस विषय से संबंधित बहुत से चित्र छपने के बावजूद पुलिस मौन है........पुलिस ने चुप्पी साध रखी है...... उसका क्या कारण है यह तो आप समझ ही सकते हैं | जय चारभुजा री....!