नावदापंथ डीसी के क्षेत्र ग्राम राधानगर अंधेरे में डूबा हुआ है , गर्मी और उमस से नागरिक बेचैन ......
विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी कितनी भी कोशिश क्यों ना कर ले कि वे आम जनता को सस्ती सुंदर बिजली उपलब्ध करवाएंगे , बेहतर सेवाएं देंगे , अपनी निष्ठा और ईमानदारी से अपने उपभोक्ता का दिल जीत लेंगे लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे हैं वे वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देश को रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं | पिछले दिनों शिकायत आई थी कि नावदापंथ डीसी में लगने वाले कलारिया के नजदीक मोहल्ले राधा नगर में ट्रांसफार्मर फेल हो चुका है वैसे इस वक्त किसी प्रकार का कोई लोड नहीं है लेकिन उसके बावजूद भी ट्रांसफार्मर का फेल होना एक आश्चर्य का विषय है | इसकी शिकायत तुरंत विभाग को कर दी गई थी 11 दिन बाद भी ट्रांसफार्मर नहीं लगाए गए हैं बताया जाता है कि ट्रांसफार्मर इसलिए नहीं लगाया क्योंकि उनके पास लगाने का कोई साधन उपलब्ध नहीं है |
यह ग्रामीण किसान ने कार्यालय में आकर बताया कि यदि आपके पास लगाने का कोई साधन उपलब्ध हो जैसे जेसीबी , पोकलेन वगैराह तो आप ले आइए हम आपको दे देते हैं आप यहां से ले जाइए हम लाइनमैन को कह देंगे वह चढ़ा देगा |खबर लिखे जाने तक नंगे भूखे ग्रामीणों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह पोकलेन जेसीबी किराए पर ला दे | पहली बात तो थोड़ी देर के लिए ऐसे साधन मिलते नहीं हैं और मिलते भी हैं तो वह इतने पैसे मांगते हैं कि नंगे भूखे ग्रामीण का इतना खर्च उठाना संभव नहीं है | बहरहाल , संवाददाता ने स्वयं जाकर मौका मुआयना का निरीक्षण किया राधानगर की लाइट बंद थी और ग्रामीण अंधेरे में थे उनकी शिकायत जायज थी जब मैं खबर लिख रहा था तब भी ट्रांसफार्मर नहीं लगा था | ट्रांसफार्मर गुरुवार को शाम को समाप्त हो गया था उससे चिंगारी निकली थी और दूसरे सप्ताह रविवार की रात तक मतलब 11 दिन तक नागरिक अंधेरे में थे |